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Sunday, August 16, 2015

गर ख़ुदा मुझसे कहे

गर ख़ुदा मुझसे कहे कुछ माँग ऐ बंदे मेरे
मैं ये माँगूँ महफ़िलों के दौर यूँ चलते रहें
हमप्याला, हमनिवाला, हमसफ़र, हमराज़ हों,
ता-क़यामत, जो चिराग़ों की तरह जलते रहें

~ गुलशन बावरा

  Aug 15, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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