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Thursday, August 20, 2015

झूठ नहीं सच होगा साथी



गढने को जो चाहे गढ़ ले
मढने को जो चाहे मढ ले
शासन के सौ रूप बदल ले
राम बना रावण सा चल ले

करने जो चाहे कर ले
चलनी पर चढ़ सागर तर ले
चिउंटी पर चढ़ चाँद पकड़ ले
लड ले एटम बम से लड़ ले

झूठ नहीं सच होगा साथी ।

~ केदार नाथ अग़वाल

  Aug 20, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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