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Wednesday, August 10, 2016

अपनी आवाज़ की लर्ज़िश पे

अपनी आवाज़ की लर्ज़िश पे तो क़ाबू पा लूँ
प्यार के बोल तो होठों से निकल जाते है
अपने तेवर तो सँभालो कोई ये न कहे
दिल बदलते हैं तो चेहरे भी बदल जाते हैं।

~ अनवर मिर्ज़ापुरी

Aug 08, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh

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