Disable Copy Text

Thursday, February 9, 2017

ख़ामोशी और फूलों को मत तोड़ो

Image may contain: plant, flower, outdoor, food and nature

ख़ामोशी और फूलों को मत तोड़ो
वर्ना बहुत सी बातों से भरी हुई ये रात
ज़िंदगी से ख़ाली हो जाएगी
हमारी सुब्हें इस अँधेरे में छुपी हैं,
उन्हें मत ढूँढ़ो-
वो रात में बोलने वाले झींगुरों की तरह होती हैं
जो ख़ामोश हो जाने पर नहीं मिलते।

मैं ने अपने हीरे
ज़मीन के जिस हिस्से में छुपाए थे
वहाँ कोई बादल भी नहीं था,
और मुझे याद आता है
उन दिनों मेरी हर चीज़ बर्फ़ से बनी होती थी।

~ ज़ीशान साहिल


  Feb 9, 2017| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

No comments:

Post a Comment