कोई तारा फलक से जब टूटा
एक चश्मा ज़मीन से फूटा
मैने फेंका था जिसको दुश्मन पर
उसी पत्थर से मेरा सर फूटा
अपनी नज़रों से यूँ गिरा हूँ सबा
जैसे हाथों से आसमाँ छूटा
~ सबा सीकरी
Feb 18, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
एक चश्मा ज़मीन से फूटा
मैने फेंका था जिसको दुश्मन पर
उसी पत्थर से मेरा सर फूटा
अपनी नज़रों से यूँ गिरा हूँ सबा
जैसे हाथों से आसमाँ छूटा
~ सबा सीकरी
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