उमर दो दिन का यह संसार
लबालब भर ले उर भृंगार!
क्षणिक जीवन यौवन का मेल
सुरा प्याली का फेनिल खेल!
देख, वन के फूलों की डाल
ललक खिलती, झरती तत्काल!
व्यर्थ मत चिन्ता कर, नादान
पान कर मदिराधर कर पान!
Feb 05, 2016| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
लबालब भर ले उर भृंगार!
क्षणिक जीवन यौवन का मेल
सुरा प्याली का फेनिल खेल!
देख, वन के फूलों की डाल
ललक खिलती, झरती तत्काल!
व्यर्थ मत चिन्ता कर, नादान
पान कर मदिराधर कर पान!
~ सुमित्रानंदन पंत
Feb 05, 2016| e-kavya.blogspot.com
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