कभी बे-दाम ठहरावें कभी ज़ंजीर करते हैं
ये ना-शाएर तिरी ज़ुल्फ़ाँ कूँ क्या क्या नाम धरते हैं
~ आबरू शाह मुबारक
Feb 21, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
ये ना-शाएर तिरी ज़ुल्फ़ाँ कूँ क्या क्या नाम धरते हैं
~ आबरू शाह मुबारक
Feb 21, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
No comments:
Post a Comment