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Saturday, February 27, 2016

एक अन्धेरा लाख सितारे




 
एक अन्धेरा लाख सितारे, एक निराशा लाख सहारे
सबसे बड़ी सौगात है जीवन नादाँ जो जीवन से हारे

दुनिया की ये बगिया ऐसी जितने काँटे फूल भी उतने
दामन में खुद आ जायेंगे, जिनकी तरफ तू हाथ पसारे

बीते हुए कल की खातिर तू, आने वाला कल मत खोना
जाने कौन कहा से आकर, राहें तेरी फिर से सवारे

दुःख से अगर पहचान न हो तो कैसा सुख और कैसी खुशियाँ
तूफानो से लड़कर ही तो लगते हैं साहिल इतने प्यारे

~ इंदीवर


  Feb 15, 2015|e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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