वह एक तुम, तुम्हें फूलों पै भी न आई नींद,
वह एक मैं, मुझे कांटों पै भी इज्तिराब न था।
*इज्तिराब=व्याकुलता, बेचैनी
~ नैयर अकबराबाजदी
Feb 08, 2016| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
वह एक मैं, मुझे कांटों पै भी इज्तिराब न था।
*इज्तिराब=व्याकुलता, बेचैनी
~ नैयर अकबराबाजदी
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