
आओ हुज़ूर तुमको, सितारों में ले चलूँ
दिल झूम जाए ऐसी, बहारों में ले चलूँ
हमराज़ हमख़याल तो हो, हमनज़र बनो
तय होगा ज़िंदगी का सफ़र, हमसफ़र बनो
चाहत के उजले उजले, नज़ारों में ले चलूँ
दिल झूम जाए ऐसी, बहारों में ले चलूँ
लिख दो किताब-ए-दिल पे कोई ऐसी दास्ताँ
जिसकी मिसाल दे न सके सातों आसमाँ
बाहों में बाहें डाले, हज़ारों में ले चलूँ
दिल झूम जाये ऐसी, बहारों में ले चलूँ
~ नूर देवासी
Feb 25, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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