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Monday, February 1, 2016

बाग़ सारा अगर न दे मौला

बाग़ सारा अगर न दे मौला
कम से कम एक दो गुलाब तो दे
आस्माँ रख तू अपने पास मगर
मेरे हिस्से का आफ़ताब तो दे

~ गुलशन राय कँवल

  Jan 29, 2016| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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