हुस्न की हर इक अदा पे जानो-दिल सदके मगर
लुत्फ कुछ दामन बचाकर ही गुजर जाने में है
~ जिगर मुरादाबादी
Feb 23, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
लुत्फ कुछ दामन बचाकर ही गुजर जाने में है
~ जिगर मुरादाबादी
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