जो डूबना है तो इतने सुकून से डुबो
के आस पास की लहरों को भी पता न लगे
तुम्हारे बस में अगर हो तो भूल जाओ हमें
तुम्हे भुलाने में शायद मुझे ज़माना लगे
Jan 30, 2016| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
के आस पास की लहरों को भी पता न लगे
तुम्हारे बस में अगर हो तो भूल जाओ हमें
तुम्हे भुलाने में शायद मुझे ज़माना लगे
~ क़ैसर-उल जाफ़री
Jan 30, 2016| e-kavya.blogspot.com
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