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Saturday, February 27, 2016

तेरी महफ़िल, तेरा जल्वा




तेरी महफ़िल, तेरा जल्वा, तेरी सूरत देख ली
मेरी आँखों ने इसी, दुनिया में जन्नत देख ली।

ऐ मेरी जान-ए-तमन्ना, ऐ मेरी जान-ए-वफ़ा
प्यार की मंज़िल दिखा दी तूने, तेरा शुक्रिया
तेरे दर पे मुस्कुराती, मैंने क़िस्मत देख ली।

एक दिल औ उस पे लाखों गिरने वाली बिजलियाँ
ये जवानी, ये अदायें, ये तड़प, ये शोखियाँँ
सर से लेकर पाँव तक मैंने क़यामत देख ली।

उम्र भर ज़िंदा रहूँगा मैं सहारे पर तेरे
ज़िंदगी अपनी लुटा दुँगा इशारे पर तेरे
मैंने तेरी मस्त नज़रों में मुहब्बत देख ली।

~ शकील बदायूँनी


  Feb 23, 2015|e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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