होती नहीं क़ुबूल दुआ तर्क-ए-इश्क़ की
दिल चाहता न हो तो ज़बाँ में असर कहाँ
*तर्क-ए-इश्क़=प्यार को त्यागना
~ अल्ताफ़ हुसैन हाली
Mar 02, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
दिल चाहता न हो तो ज़बाँ में असर कहाँ
*तर्क-ए-इश्क़=प्यार को त्यागना
~ अल्ताफ़ हुसैन हाली
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