
करम उनका ज़फा उनकी सितम उनका वफा उनकी
हमारा आबला अपना मुहब्बत में अना उनकी
*करम=कृपा; ज़फा=नाइंसाफ़ी; आबला=छाला, फफोला; अना=ख़ुदी
तबस्सुम भी उन्हीं का और शोखी भी उन्हीं की है
हमारा अश्क अपना और चेहरे की हया उनकी
*तबस्सुम=मुस्कान
जूनून-ए-शौक दीद अपना और ये रूसवाइयाँ अपनी
ये सर सर की तपिश अपनी और वो वादे सबा उनकी
*जूनून-ए-शौक=दीवानगी की हद तक पसंद ; दीद=देखना
ये प्यासे लब भी अपने ये खाली जाम भी अपना
वो और को पिलाये है यही नाज़ु-ओ अदा उनकी
मेरे ज़ख़्मे जिगर का हाल आरिफ कुछ बता उनको
कभी ऐ काश हो जावे मेरी खातिर दुआ उनकी
~ अबू आरिफ़
Mar 12, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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