आंखों में जब तुम हो समाये
दिगर मजाल किसकी सनम जो आये
लाख हसीं हुआ करे कोई
तुम बिन ज़ालिमा न अब कोई भाये
*दिगर = अन्य, दूसरा
~ कृष्ण बेताब
Mar 03, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
दिगर मजाल किसकी सनम जो आये
लाख हसीं हुआ करे कोई
तुम बिन ज़ालिमा न अब कोई भाये
*दिगर = अन्य, दूसरा
~ कृष्ण बेताब
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