ग़ुंचे! तेरी ज़िंदगी पे दिल हिलता है
बस एक तबस्सुम के लिये खिलता है,
ग़ुंचे ने कहा कि - इस चमन में बाबा
ये एक तबस्सुम भी किसे मिलता है।
~ जोश मलीहाबादी
Mar 04, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
बस एक तबस्सुम के लिये खिलता है,
ग़ुंचे ने कहा कि - इस चमन में बाबा
ये एक तबस्सुम भी किसे मिलता है।
~ जोश मलीहाबादी
Mar 04, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
No comments:
Post a Comment