अब क्या करूँ तलाश किसी कारवां को मैं,
गुम हो गया हूँ पाके तेरे आस्ताँ को मैं।
*आस्ताँ=चौखट, दहलीज, ड्योढ़ी
~ जलील मानिकपुरी
Jun 07, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
गुम हो गया हूँ पाके तेरे आस्ताँ को मैं।
*आस्ताँ=चौखट, दहलीज, ड्योढ़ी
~ जलील मानिकपुरी
Jun 07, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
No comments:
Post a Comment