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Saturday, July 9, 2016

अचानक दिल-रुबा मौसम का



अचानक दिल-रुबा मौसम का दिल-आज़ार हो जाना
दुआ आसाँ नहीं रहना सुख़न दुश्वार हो जाना
*दिल-आज़ार=कठोर; सुख़न==बात करना

तुम्हें देखें निगाहें और तुम को ही नहीं देखें
मोहब्बत के सभी रिश्तों का यूँ नादार हो जाना
*नादार=मुहताज, गरीब

अभी तो बे-नियाज़ी में तख़ातुब की सी ख़ुश-बू थी
हमें अच्छा लगा था दर्द का दिल-दार हो जाना
*बे-नियाज़ी=बेपरवाही; तख़ातुब--संबोधन

अगर सच इतना ज़ालिम है तो हम से झूठ ही बोलो
हमें आता है पत-झड़ के दिनों गुल-बार हो जाना
*गुल-बार=फूलों से भरा हुआ

अभी कुछ अन-कहे अल्फ़ाज़ भी हैं कुँज-ए-मिज़्गाँ में
अगर तुम इस तरफ़ आओ सबा रफ़्तार हो जाना
*कुँज-ए-मिज़्गाँ=कनखियां

हवा तो हम-सफ़र ठहरी समझ में किस तरह आए
हवाओं का हमारी राह में दीवार हो जाना

अभी तो सिलसिला अपना ज़मीं से आसमाँ तक था
अभी देखा था रातों का सहर आसार हो जाना
*आसार=इशारा

हमारे शहर के लोगों का अब अहवाल इतना है
कभी अख़बार पढ़ लेना कभी अख़बार हो जाना.
*अहवाल=हालात, अवस्था

~ अदा ज़ाफ़री


Jul 09, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh

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