तेरे वादे की, तेरे प्यार की मोहताज नहीं
ये कहानी किसी किरदार की मोहताज नहीं
आसमाँ ओढ़ के सोये हैं खुले मैदाँ में
अपनी ये छत किसी दीवार की मोहताज नहीं
~ राहत इंदौरी
Jul 08, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
ये कहानी किसी किरदार की मोहताज नहीं
आसमाँ ओढ़ के सोये हैं खुले मैदाँ में
अपनी ये छत किसी दीवार की मोहताज नहीं
~ राहत इंदौरी
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