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Saturday, July 9, 2016

जाओ उन्हीं आलिंगनों में

जाओ उन्हीं आलिंगनों में
जो तुम्हारे थे
उड़ेल दिया था जिनमें तुमने
सारा प्रेम अपना

जाओ अब तक वहीं पड़ा है वह चुंबन
जिसे छोड़ गयी थी लाल आँखों वाली चिड़िया
उठा लाओ वह सफ़ेद पंख
जिसे गिरा गयी थी वह किसी और के लिए

~ सविता सिंह


Jun 09, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh

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