धोता हूँ जब मैं पीने को उस सीम-तन के पाँव
रखता है ज़िद से खेंच कर बाहर लगन के पाँव
*सीम-तन=चाँदी के जैसे बदन वाली; लगन=पैर धोने के लिए बर्तन
~ मिर्ज़ा ग़ालिब
Jun 10, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
रखता है ज़िद से खेंच कर बाहर लगन के पाँव
*सीम-तन=चाँदी के जैसे बदन वाली; लगन=पैर धोने के लिए बर्तन
~ मिर्ज़ा ग़ालिब
Jun 10, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
No comments:
Post a Comment