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Saturday, July 15, 2017

ऐसी तो कोई बात नहीं जीवन में

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तुमसे भी छिपा सकूँ जो मै
ऐसी तो कोई बात नहीं जीवन में |

मन दिया तुम्हें मैंने ही अपने मन से
रंग दिया तुम्हें मैंने अपने जीवन से
बीते सपनो में आए बिना तुम्हारे
ऐसी तो कोई रात नहीं जीवन में ।

जल का राजा सागर कितना लहराया
पर मेरे मन की प्यास बुझा कब पाया
जो बूँद बूँद बन प्यास तुम्हारी पी ले
ऐसी कोई बरसात नहीं जीवन में ।

कलियों के गाँवों में भौंरे गाते है
गाते-गाते वह अक्सर मर जाते हैं
मरने वाले को जो मरने से रोके
ऐसी कोई सौगात नहीं जीवन में।

‍~ रमानाथ अवस्थी


  Jun 11, 2017| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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