Disable Copy Text

Tuesday, June 13, 2017

फिर कर लेने दो प्यार प्रिये

Image may contain: 1 person, smiling

फिर कर लेने दो प्यार प्रिये

अब अंतर में अवसाद नहीं
चापल्य नहीं उन्माद नहीं
सूना-सूना सा जीवन है
कुछ शोक नहीं आल्हाद नहीं,

तव स्वागत हित हिलता रहता
अंतरवीणा का तार प्रिये
फिर कर लेने दो प्यार प्रिये

इच्छाएँ मुझको लूट चुकी
आशाएं मुझसे छूट चुकी
सुख की सुन्दर-सुन्दर लड़ियाँ
मेरे हाथों से टूट चुकी

खो बैठा अपने हाथों ही
मैं अपना कोष अपार प्रिये
फिर कर लेने दो प्यार प्रिये

~ दुष्यंत कुमार


  May 17, 2017| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

No comments:

Post a Comment