हम हैं सर-ता-बा-पा तमन्ना
कैसी उम्मीद क्या तमन्ना
*सर-ता-बा-पा=सर से पाँव तक
हो कितनी ही ख़ुश-गवार फिर भी
है दिल के लिए बला तमन्ना
*बला=मुसीबत
देते हो पयाम-ए-आरज़ू तुम
जब तर्क मैं कर चुका तमन्ना
*पयाम= संदेश; तर्क=त्याग
दुनिया को फ़रेब दे रही है
जल्वा है सराब का तमन्ना
*सराब=मरीचिका
अपनी मंज़िल पे हम न पहुँचे
जब तक रही रहनुमा तमन्ना
*रहनुमा=राह दिखाने वाली
उलझा रहा आरज़ू में ग़ाफ़िल
क्यूँ ख़ुद ही न बन गया तमन्ना
आवाज़ तो दो किसे पुकारूँ
तुम हो मिरे दिल में या तमन्ना
~ सीमाब अकबराबादी
May 20, 2017| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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