किसने आज नदी के तट पर यौवन पुष्प बिखेरे हैं
सारा जंगल महक उठा है, संदल-संदल चौतरफा
बौराए मौसम के जुगनू दहक रहे हैं पलकों पर
अमराई में छनक उठी है, पायल पायल चौतरफा
नफ़रत बोने वालो सोचो, कैसी फ़सलें काटोगे
झुलस गए हैं माँ-बहनों के, आँचल आँचल चौतरफा
~ मनोज अबोध
Jun 1, 2017| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
सारा जंगल महक उठा है, संदल-संदल चौतरफा
बौराए मौसम के जुगनू दहक रहे हैं पलकों पर
अमराई में छनक उठी है, पायल पायल चौतरफा
नफ़रत बोने वालो सोचो, कैसी फ़सलें काटोगे
झुलस गए हैं माँ-बहनों के, आँचल आँचल चौतरफा
~ मनोज अबोध
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