Disable Copy Text

Saturday, September 17, 2016

मुहब्बत ऐसा नगमा है





मुहब्बत ऐसा नगमा है
ज़रा भी झोल हो लय में
तो सुर कायम नहीं होता

मुहब्बत ऐसा शोला है
हवा जैसी भी चलती हो
कभी मद्धम नहीं होता

मुहब्बत ऐसा रिश्ता है
के जिसमे बंधने वालों के
दिलों में गम नहीं होता

मुहब्बत ऐसा पौधा है
जो तब भी सब्ज़ रहता है
के जब मौसम नहीं होता

मुहब्बत ऐसा रास्ता है
अगर पैरों में लर्जिश हो
तो ये महरम नहीं होता

मुहब्बत ऐसा दरिया है
के बारिश रूठ भी जाये
तो पानी कम नहीं होता

~ अमजद इस्लाम अमजद


Aug 24, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh

No comments:

Post a Comment