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Friday, November 18, 2016

मेरा वतन वही है



चिश्ती ने जिस ज़मीं पे पैग़ाम-ए-हक़ सुनाया,
नानक ने जिस चमन में वहदत का गीत गाया,
तातारियों ने जिसको अपना वतन बनाया,
जिसने हिजाज़ियों से दश्त-ए-अरब छुड़ाया,
मेरा वतन वही है, मेरा वतन वही है॥
*पैग़ामे हक़=सच्चाई का संदेश; वहदत=एकता; हिजाज़=सऊदी अरब का पुराना नाम

यूनानियों को जिसने हैरान कर दिया था,
सारे जहाँ को जिसने इल्मो-हुनर दिया था,
मिट्टी को जिसकी हक़ ने ज़र का असर दिया था
तुर्कों का जिसने दामन हीरों से भर दिया था,
मेरा वतन वही है, मेरा वतन वही है॥
*इल्मो-हुनर=ज्ञान और कला; हक़=ईश्वर; ज़र=सोना, दौलत

टूटे थे जो सितारे फ़ारस के आसमां से,
फिर ताब दे के जिसने चमकाए कहकशां से,
वहदत की लय सुनी थी दुनिया ने जिस मकाँ से,
मीरे-अरब को आई ठंढी हवा जहाँ से,
मेरा वतन वही है, मेरा वतन वही है॥
*फ़ारस=ईरान; ताब=शक्ति; कहकशाँ=आकाश गंगा

बंदे कलीम जिसके, परबत जहाँ के सीना,
नूहे-नबी का ठहरा, आकर जहाँ सफ़ीना,
रिफ़अत है जिस ज़मीं को, बामे-फलक़ का ज़ीना,
जन्नत की ज़िन्दगी है, जिसकी फ़िज़ा में जीना,
मेरा वतन वही है, मेरा वतन वही है॥
*बंदे=आदमी; कलीम=बोलने वाले; नूह-ए-नबी=प्राफेट नोह; सफ़ीना=जहाज़
*रिफ़अत=ऊँचाई; बाम-ए-फ़लक=आसमान रूपी छत; ज़ीना=सीढ़ी


गौतम का जो वतन है, जापान का हरम है,
ईसा के आशिक़ों को मिस्ले-यरूशलम है,
मदफ़ून जिस ज़मीं में इस्लाम का हरम है,
हर फूल जिस चमन का, फिरदौस है, इरम है,
मेरा वतन वही है, मेरा वतन वही है॥
*हरम=पवित्र स्थान; मदफ़ूम=गाड़ा हुआ, गहराई तक पैठा हुआ; फिरदौस=स्वर्ग; इरम=स्वर्ग, अरेबिया का एक मशहूर उद्यान
 

~ इक़बाल

  Nov 18, 2016| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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