Disable Copy Text

Wednesday, November 30, 2016

वे हिटलर की तरह आएंगे


 

 वे हिटलर की तरह आएंगे
और कहेंगे
कि सिर्फ़ जर्मनों को ही
राज करने का हक़ है
क्योंकि सिर्फ़ जर्मनों का रक्त
शुध्द है।
राजसी रक्त!

वे इस्लाम का चोगा पहन कर आएंगे
और कहेंगे
कि दुनिया में इस्लाम का
परचम लहराएगा!

उनके हाथों में त्रिशूल होंगे
‘अलख निरंजन’ कहकर
विधर्मी की छाती में उतर जाने के लिए
लपलपाते!
वे कहेंगे
कि देश में सिर्फ़
हिन्दुओं को रहने का हक़ है!

कहीं वे
अकाल तख्त की शक्ल में होंगे-
‘राज करेगा खालसा’
का उद्धोष करते हुए!

तो कहीं उनके हाथों में थमी होंगी
तिज़ारत की किताबें
-बायबिल के रूप में-
मूल मालिकों से ज़मीन छीन कर
उन्हें धर्म-दीक्षित करने के षडयंत्र के साथ!

वे किसी भी वेष में आएँ
मगर उनकी भाषा एक ही होगी
वही जो किसी भेड़िये की होती है
उनका शिकार होगी मानवता
उनके हाथ रंगे होंगे
अपने ही किसी भाई के रक्त से
और उनके दाँतें में लिथड़े होंगे
मांस के वे लोथड़े
जिन्हें उन्होंने किसी
मानवता के मसीहा की
छाती से नोचा होगा।

‘असहमति’
उनके शब्द-कोश का होगा
‘अद्वूत शब्द’
जो असहमत होगा, मारा जाएगा।
सत्तर साल का बूढ़ा
या किलकारी मारता
नन्हा मृगछौना,
सृष्टि की रचयिता औरत
होगी उनके लिए एक
द्वि-अर्थीय मशीन
जिससे वे बलात् चाहेंगे
इन्द्रिय सुख तथा
साँड़ की तरह बलिष्ठ
किन्तु बुध्दिहीन संतान।

~ दिनेश बैस


  Nov 29, 2016| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

 

No comments:

Post a Comment