पहले सौ बार इधर और उधर देखा है
तब कहीं डर के तुम्हें एक बार देखा है
~ मजरूह सुल्तानपुरी
Jan 12, 2017| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
तब कहीं डर के तुम्हें एक बार देखा है
~ मजरूह सुल्तानपुरी
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