ये जो क़ौल-ओ-क़रार है क्या है,
शक़ है या ऐतबार है क्या है।
*क़ौल=वचन; क़रार=वादा
ये जो उठता है दिल में रह रह कर,
अब्र है या ग़ुबार है क्या है।
*अब्=बादल
ज़ेर-ए-लब इक झलक तबस्सुम की,
बर्क़ है या शरार है क्या है।
*ज़ेर-ए-लब=फुसफुसाना; तबस्सुम=मुस्कान; बर्क़=बिजली; शरार=चिंगारी
कोई दिल का मक़ाम समझाओ,
घर है या रहगुज़ार है क्या है।
*रहगुज़ार=रास्ता
ना खुला ये के सामना तेरा,
दीद है इंतज़ार है क्या है।
*दीद=दर्शन, सामना
~ फ़िराक़ गोरखपुरी
शक़ है या ऐतबार है क्या है।
*क़ौल=वचन; क़रार=वादा
ये जो उठता है दिल में रह रह कर,
अब्र है या ग़ुबार है क्या है।
*अब्=बादल
ज़ेर-ए-लब इक झलक तबस्सुम की,
बर्क़ है या शरार है क्या है।
*ज़ेर-ए-लब=फुसफुसाना; तबस्सुम=मुस्कान; बर्क़=बिजली; शरार=चिंगारी
कोई दिल का मक़ाम समझाओ,
घर है या रहगुज़ार है क्या है।
*रहगुज़ार=रास्ता
ना खुला ये के सामना तेरा,
दीद है इंतज़ार है क्या है।
*दीद=दर्शन, सामना
~ फ़िराक़ गोरखपुरी
Mar 14, 2017| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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