आ गया मधुमास लेकर
फूल मुस्काते
गूँजते हैं गीत के स्वर
भ्रमर हैं गाते
याद आई फिर तुम्हारी
तुम नहीं आए
फूल कलियों ने सजाया
फिर से उपवन को
झील के जल पर
गगन के रूप का जादू
लहरों पे है डोलता
किरण के रंग का जादू
याद आई फिर तुम्हारी
तुम नहीं आए
फिर हृदय के वृक्ष पर
कुछ फूल खिल आए
मिलन के सपनों ने
अपने पंख फैलाए
याद आई फिर तुम्हारी
तुम नहीं आए
याद करती हैं ये लहरें
पास आ आ कर
लौट जाती हैं व्यथित
तुमको नहीं पाकर
गगन में उड़ते पखेरू
घर को लौटे हैं
याद आई फिर तुम्हारी
तुम नहीं आए
हृदय के तारों पर लगा
कोई गीत है बजने
जागकर सोते से
सपने हैं लगे सजने
याद आई फिर तुम्हारी
तुम नहीं आए
इक अजानी प्यास मन में
कसमसाई है
हवा में ख़ुशबू है कोई तैरती आई
कोई सन्देशा तुम्हारा
साथ है लाई
याद आई फिर तुम्हारी
तुम नहीं आए
~ कुसुम सिन्हा
Apr 1, 2017| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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