तशख़ीश:
बेपैकर ख़ुशबू के साथ भटकते हो
और शिकायत करते हो तनहाई की
तुम नादाँ हो, जीना तुमको नहीं आता
इससे ज़ियादा कुछ न कहेंगे लब मेरे।
*तशख़ीश=पहचान; बेपैकर=काया-रहित
~ शहरयार
Jan 5, 2016| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
बेपैकर ख़ुशबू के साथ भटकते हो
और शिकायत करते हो तनहाई की
तुम नादाँ हो, जीना तुमको नहीं आता
इससे ज़ियादा कुछ न कहेंगे लब मेरे।
*तशख़ीश=पहचान; बेपैकर=काया-रहित
~ शहरयार
Jan 5, 2016| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
No comments:
Post a Comment