
ऐ परिंदों, किसी शाम उड़ते हुये
रास्ते में अगर वो नज़र आए तो
गीत बारिश का कोई सुनाना उसे
ऐ सितारों, यूं ही झिलमिलाते हुये
उसका चेहरा दरीचे में आ जाये तो
बादलों को बुला कर दिखाना उसे
*दरीचे=खिड़की
ऐ हवा, जब उसे नींद आने लगे
रात अपने ठिकाने पे जाने लगे
उसके चेहरे को छू कर जगाना उसे
ख़्वाब से जब वो बेदार होने लगे
फूल बादलों में अपने पिरोने लगे
मेरे बारे में कुछ न बताना उसे।
*बेदार=सचेत
~ ज़ीशान साहिल
Jan 12, 2016| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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