किसे यह होश सुराही कहाँ है जाम कहाँ
निगाहे पीरे-मुग़ाँ से बरस रही है शराब।
*पीरे-मुग़ाँ=मधुशाला का मालिक
Oct 24, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
निगाहे पीरे-मुग़ाँ से बरस रही है शराब।
*पीरे-मुग़ाँ=मधुशाला का मालिक
~ नामालूम
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