
ठंडी साँसे ना पालो सीने में
लम्बी सांसों में सांप रहते हैं
ऐसे ही एक सांस ने इक बार
डस लिया था हसीं क्लियोपेत्रा को
मेरे होटों पे अपने लब रखकर
फूँक दो सारी साँसों को 'बीबा'
मुझको आदत है ज़हर पीने की
~ गुलज़ार
Oct 22, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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