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Tuesday, October 20, 2015

अजब तेरे शहर का दस्तूर

अजब तेरे शहर का दस्तूर हो गया
जिसको गले लगाया वो दूर हो गया
कागज़ में दबके मर गए कीड़े किताब के
बन्दा बिना पढे ही मशहूर हो गया ।

~ बशीर बद्र

  Oct 19, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh 

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