हमने हसरतों के दाग़ आँसुओ से धो लिए,
आपकी खुशी हुजूर, बोलिए न बोलिए।
क्या हसीन खार थे जो मेरी निगाह ने,
सादगी से बारहा रूह में चुभो लिए।
ज़िंदगी का रास्ता काटना ही था 'अदम',
जाग उठे तो चल दिये, थक गए तो सो लिए।
Oct 16, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
आपकी खुशी हुजूर, बोलिए न बोलिए।
क्या हसीन खार थे जो मेरी निगाह ने,
सादगी से बारहा रूह में चुभो लिए।
ज़िंदगी का रास्ता काटना ही था 'अदम',
जाग उठे तो चल दिये, थक गए तो सो लिए।
*खार=काँटे; बारहा=बार बार
~ अदम
~ अदम
Oct 16, 2015| e-kavya.blogspot.com
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