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Saturday, April 30, 2016

मैं तो इक अश्के-नदामत के सिवा

मैं तो इक अश्के-नदामत के सिवा कुछ भी नहीं
तुम अगर चाहो तो पलकों पे बिठा लो मुझको

*अश्के-नदामत=पश्चाताप का आंसू

‍~ मोमिन

  Apr 14, 2015|e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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