मैं तो इक अश्के-नदामत के सिवा कुछ भी नहीं
तुम अगर चाहो तो पलकों पे बिठा लो मुझको
*अश्के-नदामत=पश्चाताप का आंसू
~ मोमिन
Apr 14, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
तुम अगर चाहो तो पलकों पे बिठा लो मुझको
*अश्के-नदामत=पश्चाताप का आंसू
~ मोमिन
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