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Monday, April 11, 2016

गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं

गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं कांटों से भी ज़ीनत होती है
जीने के लिये इस दुनिया में ग़म की भी ज़रूरत होती है
जो आकर रुके दामन पे 'सबा' वो अश्क नहीं है पानी है
जो आंसू न छलके आँखों से उस अश्क की कीमत होती है

~ सबा अफ़ग़ानी

  Apr 11, 2015|e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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