गुलशन की फ़क़त फूलों से नहीं कांटों से भी ज़ीनत होती है
जीने के लिये इस दुनिया में ग़म की भी ज़रूरत होती है
जो आकर रुके दामन पे 'सबा' वो अश्क नहीं है पानी है
जो आंसू न छलके आँखों से उस अश्क की कीमत होती है
~ सबा अफ़ग़ानी
Apr 11, 2015|e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
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