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Saturday, April 30, 2016

रे, रोक युधिष्ठिर को न यहाँ,

रे, रोक युधिष्ठिर को न यहाँ,
जाने दे उसको स्वर्ग, धीर!
पर, फिरा हमें गांडीव-गदा,
लौटा दे अर्जुन-भीम वीर!
कह दे शंकर से,आज करें
वे प्रलय नृत्य फिर एक बार।
सारे भारत में गूँज उठे,
हर-हर-बम का फिर महोच्चार!

~ 'दिनकर'


  Apr 15, 2015|e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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