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Friday, April 8, 2016

आज हमने एक दुनिया बेची




आज हमने एक दुनिया बेची
और एक दीन ख़रीद लिया
हमने कुफ़्र की बात की

*कुफ़्र=इस्लाम धर्म की मान्यताओं के विरुद्ध कोई आचरण

सपनों का एक थान बुना था
एक गज़ कपड़ा फाड़ लिया
और उम्र की चोली सी ली

आज हमने आसमान के घड़े से
बादल का एक ढकना उतारा
और एक घूँट चाँदनी पी ली

यह जो एक घड़ी हमने
मौत से उधार ली है
गीतों से इसका दाम चुका देंगे

~ अमृता प्रीतम
 

  Apr 03, 2015|e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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