यौवन के समय प्रेम की क्या बात न हो,
क्या दिन ही रहे हमेशा, कभी रात न हो,
संभव भी कहीं है यह भला सोच के देखो
सावन का महीना हो, पर बरसात न हो।
~ उदय भानु 'हंस'
Nov 25, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
क्या दिन ही रहे हमेशा, कभी रात न हो,
संभव भी कहीं है यह भला सोच के देखो
सावन का महीना हो, पर बरसात न हो।
~ उदय भानु 'हंस'
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