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Friday, December 11, 2015

हर बात पे इक अपनी सी

हर बात पे इक अपनी सी कर जाऊँगा
जिस राह से चाहूँगा गुज़र जाऊँगा
जीना हो तो मैं मौत को दे दूँगा शिकस्त
मरना हो तो बेमौत भी मर जाऊँगा

~ महबूब राही

  Nov 13, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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