मँझधार से बचने के सहारे नहीं होते
दुर्दिन में कभी चाँद सितारे नहीं होते
हम पार भी जाएँ तो भला जाएँ किधर से
इस प्रेम की सरिता के किनारे नहीं होते।
~ उदय भानु 'हंस'
Nov 20, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
दुर्दिन में कभी चाँद सितारे नहीं होते
हम पार भी जाएँ तो भला जाएँ किधर से
इस प्रेम की सरिता के किनारे नहीं होते।
~ उदय भानु 'हंस'
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