अफ़लाक तक औरों की फुगाँ जा पहुँची
जो चीज़ यहाँ की थी वहाँ जा पहुँची
तू ख़्वाब की जन्नत को सजाता ही रहा
दुनिया को ज़रा देखो कहाँ जा पहुँची।
* अफ़लाक=आकाश; फुगाँ=आवाज़
~ कादिर सिद्दीक़ी
Nov 30, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
जो चीज़ यहाँ की थी वहाँ जा पहुँची
तू ख़्वाब की जन्नत को सजाता ही रहा
दुनिया को ज़रा देखो कहाँ जा पहुँची।
* अफ़लाक=आकाश; फुगाँ=आवाज़
~ कादिर सिद्दीक़ी
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