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Friday, December 11, 2015

अफ़लाक तक औरों की फुगाँ

अफ़लाक तक औरों की फुगाँ जा पहुँची
जो चीज़ यहाँ की थी वहाँ जा पहुँची
तू ख़्वाब की जन्नत को सजाता ही रहा
दुनिया को ज़रा देखो कहाँ जा पहुँची।

* अफ़लाक=आकाश; फुगाँ=आवाज़

~ कादिर सिद्दीक़ी

  Nov 30, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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