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Friday, December 11, 2015

आकाश के फूलों से न श्रृंगार करो

आकाश के फूलों से न श्रृंगार करो
तुम स्वर्ग नहीं भू को नमस्कार करो
भगवान को दिन रात रिझाने वालों,
उस के बंदों से भी कुछ प्यार करो।

~ उदय भानु 'हंस'

  Nov 27, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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