सीपियाँ खुल गईं तुम्हें छू कर
धूप शीतल हुई तुम्हें छू कर
तुम जो निकली हो रात में बाहर
चाँदनी जल गई तुम्हें छू कर।
~ कुमार शिव
Dec 6, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
धूप शीतल हुई तुम्हें छू कर
तुम जो निकली हो रात में बाहर
चाँदनी जल गई तुम्हें छू कर।
~ कुमार शिव
Dec 6, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
No comments:
Post a Comment