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Thursday, April 16, 2015

अज़ाब दे कर हमें जो खुश हैं

अज़ाब दे कर हमें जो खुश हैं
अज़ाब वो भी उठा रहे हैं,
कि वो भी अंदर से जल रहे हैं
जो सारी दुनिया जला रहे हैं ।

*अज़ाब=यातना

~ यूनुस हमदम

  Apr 16, 2015| e-kavya.blogspot.com
  Submitted by: Ashok Singh

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