अज़ाब दे कर हमें जो खुश हैं
अज़ाब वो भी उठा रहे हैं,
कि वो भी अंदर से जल रहे हैं
जो सारी दुनिया जला रहे हैं ।
*अज़ाब=यातना
~ यूनुस हमदम
Apr 16, 2015| e-kavya.blogspot.com
Submitted by: Ashok Singh
अज़ाब वो भी उठा रहे हैं,
कि वो भी अंदर से जल रहे हैं
जो सारी दुनिया जला रहे हैं ।
*अज़ाब=यातना
~ यूनुस हमदम
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